वो मुझसे पूछती है, ख्वाब किस किस के देखते_हो ,
बेखबर_जानती ही नही, यादें उसकी _सोने कहाँ देती हैं..!!
तड़प रहे हैं हम तुमसे एक अल्फ़ाज़ के लिए...
.
तोड़ दो अपनी ख़ामोशी हमें ज़िन्दा रखने के लिए.....!
कोई चेहरे का दीवाना तो किसी को तन की तलब,
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अदाएँ पीछा करवाती है...आजकल मोहब्बत कौन करता है।
गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया! इस उलझन ने चैन से जीने न दिया! थक के जब सितारों से पनाह ली! नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया
मत 'पूछ' कि,
मेरा 'कारोबार' क्या है..!
'मुहब्बत' की 'दुकान' है,
'नफ़रत' के 'बाज़ार' में....!
उसने मेरा हाथ थामा था उस पार जाने के लिए,
और मेरी एक ही तमन्ना थी कभी किनारा ना आए..
झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता,मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने
अपने हसीन होठो को किसी परदे में छुपा लिया करो,हम गुस्ताख़ लोग हे, नजरो से चुम लिया करते हे…!!
वो पगली मुझे कितना भी
रुलाती थी,
पर बाद में मनाने भी वही
आती थी..
तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हु मै, वरना मरने का इरादा तो रोज होता है..
तूने जिंदगी का नाम तो सुना होगा ..
मैने अक्सर तुम्हे इसी नाम से पुकारा है .♡♡
जो आंखें न उठा सके मेरे दर्द की तरफ,,
वो कान क्या देंगे मेरी फरियाद पर....
तु लाख भुला के देख मुझे मे फिर भी याद आउंगा,
तु पानी पी पी के थक जायेगी, मे हीचकीयां बन बन के सताउंगा..
न जख्म भरे,...........न शराब सहारा हुई...
न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई !
रिशते जितने प्यार से बनते है,
उतने ही नफरत से टुट भी जाते हैं ।।।
यूँ तो एक ठिकाना मेरा भी है.......पर,,
तुम्हारे बिना..........लापता सा महसूस करता हू..
इतना तो तेरी सूरत भी ना देखी थी हमने ,
जितना तेरे इंतज़ार में घडियां देखीं हैं 🕢
💞पुछा किसी ने की जो तुम्हें याद नहीं करते
तुम उन्हें याद क्यू करते हो,
हम ने मुस्करा कर कह दिया
रिश्ते निभाने वाले मुकाबला नहीं करते...
💞💞💞
सुना है आज उसकी आँखों में आँसू आ गये.वो बच्चो को सिखा रही थी कि मोहब्बत ऐसे लिखते है.
दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त उसकी बस एक बार वो कह दे कि मैं अमानत हूं तेरी ।.
पीते थे शराब हम;
उसने छुड़ाई अपनी कसम देकर;
महफ़िल में गए थे हम;
यारों ने पिलाई उसकी कसम देकर।
लड़का: रूप तेरा आँखों को भ गया;
तेरे हुस्न का नशा दिल पे छा गया।
लड़की: तेरी तारीफ़ में मैं क्या कहुँ;
भोसड़ी के, मेरी ब्रा का साइज़ 28 से 34 पे आ गया।
कही ऐसा न हौ कि यह बेटी धुप मे जलती रहै और आप चीन के दिये ले आये ।।
इसलिए इन्हे प्राथमिकता दे ।।
!! हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली;
कुछ यादें मेरे संग पांव पांव चली;
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ;
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली !!
काश तूम सुन पाते खामोश सिसकियां मेरी,
आवाज़ करके रोना तो मुझे आज भी नहीं आता..
चुदे हुए माल को कभी याद मत करना;
जो चूत न दे उस से कभी फरियाद मत करना;
जिसे चुदना है वो चुद कर ही रहेगी;
बेकार में मुठ मार के अपनी जवानी बर्बाद मत करना।
हमने तो उस शहर में भी किया है इंतज़ार तेरा,
जहाँ मोहब्बत का कोई रिवाज़ न था..
हमें उनसे कोई शिकारत नही शायद हमारी किस्मत में चाहत नही मेरी तकदीर को तो लिखकर ऊपर वाला भी मुंकर गया पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नही ।।
बहुत कुछ बदला हैं मैने अपने आप में लेकिन,
तुम्हें वो टूट कर चाहने की आदत अब तक नहीं बदली..
तेरी जुल्फों से ज्यादा ,उलझी हुई उलझनें हैं मेरे पास..!!
वो तो दो पल में संवर जायेंगीं, यहाँ तो लगता है,सदियाँ गुज़र जायेंगीं.
🌾♦🌾♦💲🌾♦🌾♦
क्या हुआ जो हम किसी के दिल में नहीं धड़कते ! आँखों में तो कईयों की खटकते है..
जरा सी जगह छोड देना अपनी नीदो मै,
क्योकि आज रात तेरे ख्बाबो मै हमारा बसेरा होगा..
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता .....!
जिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम हैं
ज़ुबाँ मिली हैं मगर हमज़ुबाँ नहीं मिलता....!!
💞पुछा किसी ने की जो तुम्हें याद नहीं करते
तुम उन्हें याद क्यू करते हो,
हम ने मुस्करा कर कह दिया
रिश्ते निभाने वाले मुकाबला नहीं करते...
💞💞💞
मोहब्बत के दर्द को भुलाने के लिए ..
कभी -कभी
दोबारा इश्क करना लाज़मी हो जाता है ....
ना #जख्म भरे .....ना #शराब सहारा हुई!!!
ना वो #वापस लोटी .....ना #मोह्ह्ब्त दोबारा हुई ....
ना पीने का शौक था, ना पिलाने का शौक था,
हमे तो सिर्फ नझर मिलाने का शौक था,
पर क्या करे यारो, हम नझर ही उनसे मिला बैठे,
जिन्हे; सिर्फ; नझरो से पिलाने का शौक था !!
इसका गम नहीं ,क्यों उसने बरबाद किया
गम बस इतना है बहुत देर बाद किया
ऐ जिंदगी तू सच में बहुत खूबसूरत है,
फिर भी तू उसके बिना अच्छी नहीँ लगती..
तु #वाकिफ नही iss #bande के #जुनुन से...... नहला दुंगा #तुझे तेरे ही #खुन से..
माना की तुझे हमसे महोब्बत नही
पर tu jab Market मे जाती है, तो लोग मुझे Call कर के कहते है भाई – ‘भाभी यहाँ आई है’
मुझे इतना याद आकर बेचैन ना करो,
एक यही सितम काफी है की तुम साथ नहीँ हो..
उँगलियाँ थक गई पत्थर तराशते तराशते
जब सूरत बनी यार की तो खरीददार आ गए
तूझमे और मूझमे फरक तो इतना सा है,
मै थोड़ासा पागल हूं, और मूझे पागल बनाया तूने है..
“ये दिल बुरा ही सही...पर सरे बाज़ार तो ना कहो...,
आखिर तुमने भी इस मकान में कुछ दिन गुजारे हैं...।”
यूँ भी तो राज खुल ही जाएगा हमारी मोहब्बत का.....💘
महफ़िल में जो हमको छोड़कर सब को सलाम करते हो..💕💗💕
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