मोहब्बत किसे कहते हैं मुझे नहीं मालूम,
ये वो रिश्ता है जो मेरा उससे और उसका किसी और से है !!!! :|
किस्मत से हारा हु अभी जिंदगी से नहीं आखिर वक्त ही कितना लगता है जिंदगी बदलने में।
मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती...., अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए...।
जब भी देखता हुं हसते खिल खिलाते चेह्ररे
लोगों के,
दुआ करता हुं, इन्हे कभी मोहब्बत ना हो..
बहुत परेसान कर रही है किस्मत वरना इतने अच्छे अच्छे दोस्त थोड़ी न जाते हमें छोड़ कर।
कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया,
पता ही नहीँ चला की , गरीब वो था की मैं....!!!!
क्या खूब बदली है किस्मत मेरी जो बात करने के काबिल न थे ओ भी आज हमें तेवर दिखा के चल रहे है।
जो रोज आकर मेरे पास बैठते थे आज ओ ही लोग बड़े खुदगर्ज हो गए है ।
क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का, किसी काम से आये थे,
किसी काम के ना रहे..
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