मिल रहे हो ना खो रहे हो तुम,
दिन-ब-दिन बेहद दिलचस्प हो रहे हो तुम..!!
बिखरा वजूद...टूटे ख्वाब...सुलगती तन्हाइयाँ,
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कितने हसीन तोहफे दे जाती है...ये अधूरी मोहब्बतें. !!
आज फरियाद कर रही है तरसती हुई निगाहें....
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देखे हुए किसी को बहुत दिन गुज़र गए...!!
तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने.....
हमें इश्क का शौक है, आवारगी का नही.....!!
आसान नही है हमसे यूँ शायरियों में जीत पाना,
हम हर एक शब्द मोहब्बत में गुजर कर लिखते हैं...!!
उनके ख्याल से ही जब इतनी सुहानी लगती है ये दुनिया;
सोचो अगर वो साथ होंगे तब क्या बात होगी।
वो चाहते है की ईदी में उनसे कुछ मांग लूँ,
अब भला मैं चाँद से चाँद को कैसे मांग लूँ ...!!
ऐ आशिक़, न पूछ ज़िन्दगी क्या है,
ज़िन्दगी तो तख़ल्लुस है मुहब्बत का...!!
ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो दिल तो अकसर एक दूसरे से भर जाया करते हैं
ढूंढने पर वही मिलेंगे, जो खो गए थे, वो कभी नहीं मिलेंगे, जो बदल गए हैं.....
सवाल सिर्फ़ नींद का होता तो,कोई बात ना थी... हमारे सामने मसला तो तुम्हारे,ख़्वाब का भी था ...!!
****"माना की तुम्हारी एक आवाज से भीड उभर आती है....★
पर पगले हमारी भी एक ललकार से सारी भीड बीखर जाती है....★"
वो सजदा ही क्या.... .... जिसमे होश रहे.... सर उठाने का....!!
क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर कहे...!! तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है....!!"
वो बात बात पर देती है परिन्दों की मिसाल साफ़ साफ़ नहीं कहती मेरा शहर ही छोड़ दे
कुछ लोग आंसुओं की तरह होते है .. पता ही नहीं चलता.. साथ दे रहे है या साथ छोड़ रहे है
किसी महापुरुष ने एक बात कही है कि 'उंचाइयां ठीक हैं, मगर उतनी नहीं क़ी खुद के दोस्त भी दिखने बंद हो जाएँ'
बहुत नजदीक से देखने पर जाना मैंने दिल से बड़ा दुश्मन जमाने में नहीं होता
अलग रह कर भी सुकून इस बात का है एक दिन तुम भी मिट्टी हो जाओगे, हम भी..
मुझे मत तौलना कभी याद के तराजू में, तेरा पलड़ा कभी मेरे बराबर ना आयेगा...
उसे लगता था कि उसकी चालाकी हमें समझ नहीं आती,हम बङी खामोशी से देखते रहे उसे अपनी नजरों से गिरते हुए...!
[हर रिश्ते मे सिर्फ नूर बरसेगा, शर्त बस इतनी है की,, रिश्ते में शरारते करो, साजिशें नहीं... !!!
इन लम्हों की याद जरा संभालकर रखना...
हम याद तो आयेंगे.. "मगर लौटकर नही".........!
काश ऐसा कोई मंज़र होता, मेरे कांधे पे तेरा सर होता..!!
पानी दरिया में हो या आँखो में ~ गहराई और राज दोनो में होते है !!!
कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को .. जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे ..
मैं किसको क़त्ल का इल्ज़ाम दूँ ज़माने में हर एक शख़्स फ़रिश्ता दिखाई देता है
कुछ हंसती हुई तस्वीरे भी कभी कभी रुला जाती है याद तो रोज ही आती है कभी कभी आँखे भिगो जाती है
" तेरा मुझसे हे पहले का नाता कोई यु ही नही दिल लुभाता कोई...."🎶
मत दे दुआ किसी को अपनी उमर लगने की, यहाँ ऐसे भी लोग है जो तेरे लिए जिन्दा हैं
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है ॥
दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है ॥
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है॥
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है||
उम्र के साथ नये नये सबक मिलते गये कुछ रूठ गये हमसे कुछ को हम खोते गये !
कौन कहता है के मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते, रास्ते गवाह है, बस कमबख्त गवाही नहीं देते
कभी रूठ ना जाना काँन्हां मुझे मनाना नही आता,
कभी ना ~दुर जाना , मुझे पास बुलाना नही आता,
तुम भुल जाओ काँन्हां . मुझे तो भुल जाना भी नही आता
खुशियाँ और गम सहती है फिर भी ये चुप रहती है अब तक किसी ने न जाना, जिंदगी क्या कहती है....।
हर रिश्ते का नाम जरूरी नही होता मेरे दोस्तों... कुछ बेनाम रिश्ते भी रुकी जिंदगी को सांस देते है.....!!!!!!!
दुआ कौन सी थी हमे याद नही... बस इतना याद है - दो हथेलियाँ जुड़ी थी.. एक तेरी थी -एक मेरी थी. ....
कीमत हमेशा उसी की होती है जो हमारे पास नही होता...!! #Fact
वो मुझसे पूछता है, ख्वाब किस किस के देखते हो,
बेखबर जानती ही नही,
यादें उसकी सोने कहाँ देती है !
थोड़े गम है...थोड़ी खुशियाँ. . यही है..यही है..यही है छाँव-धूप..🎶
आंखें खुली तो जाग उठी हसरतें तमाम, उसे भी हमने खों दिया जिसे पाया था ख्वाबों में..!!
तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल हैं जहाँ भी जाऊ ये लगता हैं तेरी महफ़िल हैं 🎶
दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ, राख के नीचे, आग दबी होती है..!!#Fact
हमे उनके नजर के अंदाज पसंद थे, और उनको हमे नजर अंदाज करना !
'शब्द बोलने के लिए होते हैं और अर्थ जीने के लिए`
कुछ वादे किये नहीं जाते,, फिर भी उन्हें निभाया जाता है....
बन जायेंगे ज़हर पीते पीते ये अश्क
जो पिए जा रहे हो
अब शिकायत तुझसे नहीं खुद से है.. ---- माना कि सारे झूठ तेरे थे पर उनपे यकीं तो मेरा था..!!
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की... लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं ।।।
चलते चलते अचानक पीछे मुड़कर देखा तो.... कुछ यादें हस रही थी और कुछ रिश्ते दम तोड़ रहे थे...
क़द बगैर हील के भी नज़र आ सकता है, अगर शख़्सियत में बुलंदी हो
इस खूबसूरत जिंदगीका हमने,उसे कया सिला दिया,गम मिला तो गिला किया,सुख मिला तो भुला दिया
"कई बातें उलझती जा रही हैं... चलो चुपचाप सुलझाते हैं दोनों !!!
बहुत जी चुके उनके लिये जो मेरे लिये सब कुछ थे…
अब जीना है उनके लिये जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ…
बार बार आजमाता है वो मेरे प्यार को कुछ इस तरह कि छलनी हो जाता है दिल मेरा अपने को साबित करने में !
" मुझ को ठहरा हुआ देखा तो कहा लम्हों ने अब किसी के लिए ठहरा नहीं करता कोई "
एक ही ख्वाहिश थी उड़ने की पर जंजीरे इतनी जकड़ी है कि ख्वाब भी पराये हो गये और हवाए भी दिशाहीन हो गई ...
यक़ीन..... एकमात्र साथी जो सत्य का हाथ थामे रहता है संभावनाओं के पूरे होने तक।
और कुछ नही चाहिए जिन्दगी तुझसे....... ......बस एक वो शक्स लौटा दे मुझे.....
कितनी सच्ची है उसकी खामोशी , लफ्ज़ तो रंग बदला करते हैं |
यार मिलकर लोग खुश होते हैं , ठीक है लेकिन बिना मिले रिश्ता निभाना भी एक जिंदगी है !!
वो तबस्सुम में भी खंजर छुपा लेता है, और हमसे राज-ए-इश्क भी छुपता नहीं,
तुम्हारा जिक्र हुआ तो महफ़िल छोड़ आये...गैरों के लबों पे तुम्हारा नामअच्छा नहीं लगता
[ये नजर चुराने की आदत आज भी नही बदली उनकी … कभी मेरे लिए जमाने से और अब जमाने के लिए हमसे…
नादान दुनिया हर एक बात का दिन तय करती है...! "दोस्ती" का जश्न किसी दिन का मोहताज नहीं....!!
" कहा तक उदास रहे कोई , लो ..हम भी भूल रहे है तुमको "
विचार का चिराग बुझ जाने से आचरण अंधा हो जाता है |
वक़्त के पाँव नहीं होते, पर गुज़रे वक़्त के क़दमों के निशाँ देखे हैं हमने।
#दहेज़ में बहु क्या लायी. ये सबने पूछा.. लेकिन एक बेटी क्या क्या छोड़ आई.. किसी ने सोचा ही नहीं.
♦कुछ रिश्ते कुछ वादे कुछ यादे__
♦ ना कभि झुठ हुवा करते है__
♦ ना कभि सच हुवा करते है__
रिश्ते गर बढ़ जाये हद से तो ग़म मिलते हैं इसलिए आजकल हम हर शख्स से कम मिलते हैं....!!
जो पढ लिया करते थे खामोशियो को मेरी, आज मेरे लब्जो को भी नही समझते है ........!
बता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादें, बरसात बाहर भी है और भीतर भी
युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के;
लेकिन लोग...वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है।
फिर कोई जख्म मिलेगा तैयार रह ऐ दिल... कुछ लोग फिर पेश आ रहे हैँ बहुत प्यार से...
मिली कत्ल के इरादे से, ज़िदगी जब भी मुझसे मैंने शोक को मुझे शौक ने जिन्दा रखा!!
ऐ "तन्हाई" तू अब "निकाह" कर ले मुझसे....!! जब "उम्र" भर साथ ही रहना है....... तो चल "जमाने" कि ये "रस्मे" भी अदा कर लें..
कौन कहता है कि मैंने उसकी आँखों में धोखा नहीं पढ़ा था...
पर दिल के हाथों इतना मजबूर था
कि बस अनजान बने रहना चाहता था !!
यह ना पूछ कि शिकायते कितनी है तुझसे ऐ जिन्दगी , सिर्फ ये बता कि तेरा कोई और सितम बाकी तो नही !
"कमाल का ताना देते हैं दुनिया वाले भी, अगर वो तेरा है तो, तेरे पास क्यूँ नही.
कुछ लोग बड़े हो ने के वहम में मर गये और जो लोग बड़े थे वो अहम में मर गये#Fact
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं, के ज़ख़्म ताज़ा रहे और निशान चला जाए..
वो खुदा से कम नहीं लगता है, मुझको दोस्तो, मेरे ख़ातिर माँगता है जो दुआओं में सुकून।
कुछ बदल गये कुछ बदल दिए गये , लोग कहने लगे थे बदलना जरूरी है |
"आज तो मिल के भी जैसे न मिले हों तुझ से चौंक उठते थे कभी तेरी मुलाक़ात से हम "
ज़िन्दगी से कोई दुश्मनी नही है मेरी ... बस एक ज़िद है ... अपनों के बिना नही जीना !
दोस्त की अहमियत समझो तो दोस्ती करना, दर्द की अहमियत समझो तो मोहब्बत करना, और वादो की अहमियत समझो तो उसे पूरा करना
जिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है........ सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है......
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे, जब बरसी ख़ुशियाँ , न जाने भीड़ कहा से आई...!
आंसू निकल पड़े खवाब में उसको दूर जाते देखकर, आँख खुली तो एहसास हुआ इश्क सोते हुए भी रुलाता है..
ज्यादा कुछ नहीं बदला ज़िन्दगी में.. बस बटुए थोड़े भारी और रिश्ते थोड़े हलके हो गए
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते, कुछ रिश्ते नाम के ही होते हैं ...#Fact
अधूरी बातों में इंतज़ार होता है... या तो बात खतम होने का, या बात की 'शुरुआत' होने का...💐
दर्द और जाम… कितना भी संभालो…चलोगे तो छलकेगा ही… ।।°°°
[तुम ..ना मौसम थे.. ना किस्मत.. ना तारीख ....ना ही दिन, किसको मालूम था ...इस तरह बदल जाओगे.....!!
वो आए तो यूँ जैसे हमेशा से थे मेहरबान,, और भूले तो यूँ जैसे कभी कोई ताल्लुक ही नही था !!!
आँखें जब चाहें जो चाहें बोलतीं हैं .... लबों को ये इज़ाज़त कभी मिली ही नहीं ....
बहोत ही खुबसुरत अल्फाज.. "" तमीज से बात करो इज्जत मुफ्त मिलेगी.."#Fact
रिश्वत भी नहीँ लेती कम्बख्त जान छोड़ने की ऊसकी याद मुझे बहुत इमानदार लगती
वो भी शायद रो पड़े, वीरान काग़ज़ देख कर , हम ने उसको आखिरी खत में लिखा कुछ भी नहीं ...
वक़्त कभी एक सा रहता नहीं सुन लो साहेब खुद भी रो पड़ते है औरो को रुलाने वाले...!!!
इसी कशमकश में सारा दिन गुज़र जाता है......उस से बात करू या उसकी बात करू.
ख़ुदा का शुक्र है यादों की कोई उम्र नहीं होती
जब ग़िला शिकवा अपनों से हो तो खामोशी भली, हर बात पे जंग हो ये ज़रूरी तो नहीं !!!
किसी को आप से अच्छा कोई मिल जाएगा, आप से बुरा भी मिल जाएगा, लेकिन हू बहू आप जैसा...? कभी नहीं...! याद रखिए आप अद्वितीय हैं॰
"न जाने कब खर्च हो गये , पता ही न चला, वो लम्हे , जो छुपाकर रखे थे जीने के लिए"...
उसी से पूछ लो उसके इश्क की कीमत, हम तो बस भरोसे पे बिक गए .....!!!
गुनगुनाते हो छुप के मेरा नाम, शौक क्या लाजवाब रखते हो..
मन में है जो, साफ साफ कह दो.. "फेसला" "फासले" से बेहतर होता है.
भैया, 100 ग्राम ज़िन्दगी देना थोडा मिर्च-मसाला मार के!
ए नसीब ज़रा एक बात तो बता... तू सबको आज़माता है या मुझसे ही दुश्मनी है!
ना वो मिलती है, ना मैं रुकता हूँ.. पता नहीं रास्ता गलत है, या मंजिल
बहुत तलाशी हमने वजह, तेरे बाद खुश रहने की, फिर भी न लौट कर आयी, मुस्कराहट मेरे लबों पर....!!
जीने के लिए सोचा ही नहीं, दर्द संभालने होंगे,, मुस्कुराए तो, मुस्कुराने के कर्ज़ उतारने होंगे...!🎶
तरस आता है मुझे मासूम सी पलकों पर.......!! जब वो भीग के कहती हैं सो जाओ तुम्हें कोई याद नहीं करता.......!!
रोने में इक ख़तरा है, तालाब नदी हो जाते हैं हंसना भी आसान नहीं है, लब ज़ख़्मी हो जाते
दो चार लोगों से रिश्ते बनाये रखिये... कब्र तक लाश को दौलत नहीं ले जाया करती ।"
मैं हूँ अगर आवारा तो वजह है हुस्न तुम्हारा, ऐसा मैं हरगिज़ नहीं था तेरे दीदार से पहले....!!
नसीब तो रोज धरती पे गिरने वाली धूप है फैलाया जिसने जितना दामन उतना बटोर ले गया
मौत तो यूँ ही बदनाम है...! असली दुःख तो ज़िन्दगी देती है..!!!
अच्छे हैं इस क़दर के भुलाये नहीं जाते , कुछ लोग धडकनो में धडकते हैं उम्र भर ....
याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते, अच्छे लोगों की यही बात बहुत बुरी लगती है ।
मोहब्बत और मौत दोनों की पसंद अजीब है, एक को दिल चाहिए और दुसरे को धड़कन...
मुझमें ऐब बहुत होंगे,मगर..एक खूबी भी है..मैं किसी से ताल्लुक..मतलब के लिए नहीं रखता
है कोई वकील इस जहाँ में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे"..
अपनी खुशियों की चाबी किसी को न देना । लोग अक्सर दूसरों का सामान खो देते हैं
1सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है
खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब... तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो, मांगती तो खून ही है!
अच्छे दोस्तोँ की तलाश तो , कमजोर दिल वालोँ को होती है .. बडे दिल वाले तो हर दोस्त को अच्छा बना लेते हैँ ...........
कोई दोस्त कभी पुराना नहीं होता, कुछ दिन बात न करने से बेगाना नहीं होता, दोस्ती में दुरी तो आती रहती हैं, पर दुरी का मतलब भुलाना नहीं होता.
तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी,, नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पर छिड़क कर.!!!!!
उस ने पुछा मेरे बिन जी लोगे ...?? सांस रुक चुकी थी.. वो समझे हम सोच रहे हैं !!
ख़ुदा ने मुझे वफ़ादार दोस्तों से नवाज़ा है याद मैं ना करूँ, तो कोशिश वो भी नहीं करते…
नेकियाँ कर के जो, दरिया में डाल दोगे अभी वो हि तूफानों में कश्तियाँ बन कर सांथ देंगी कभी
रूठना बुरा नहीं लगता यारों, वक़्त देखकर मुस्कुराया करो..
उन बुढ़ी बुजुर्ग उँगलियो मेँ कोई ताकत बाकी ना थी, मगर सिर झुका मेरा तो कांपते हाथो ने दुनिया भर कि खुशियाँ दे दी !!
कोई रिश्ता बेवजह नही टिकता है । मोल देख बाज़ार खुद भी बिकता है ।।
वो मोहब्बत के सौदे भी अजीब करता है बस मुस्कुराता है और दिल खरीद लेता है...
मेरी वफ़ा पे उँगलियाँ न उठाना यारों , जिसको शक हो वो निभा कर देखे ...!!!
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद, मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद...!!
बुरे दिनों के लीये , तुमने गुल्लकें भर लीं
मै दोस्तों की दुआएँ , बचा के रखता था.!!
यार कैसे खूबसूरत लोग हैं तेरी जिन्दगी में, शौक-ए-मुलाकात तो रखते हैं पर बात नहीं करते..
दिल था अकेला और ग़म थे हज़ारों... अकेले को मिलकर, हज़ारों ने लूटा...
आओं फिर से आंख मिचौनी खेले, तुम मंदिर में ढूढना मैं मस्जिद में...
समंदर से कहो डूब मरे जा के कहीं…… दिलों की आग बुझाना तुम्हारे बस में नहीं…..
परियों के देस की ये कहानी भी ख़ूब है बच्चों को माँ ने आज भी भूखा सुला दिया...
मैंने पूछा एक पल में जान कैसे निकलती है। उसने चलते चलते मेरा हाथ छोड़ दिया...!!
ईश्वर ने एक गिरेबान सबको दिया है यदा कदा ही सही कभी झाँक भी लिया करो
[देखी ज़माने की यारी बिछड़े सभी बारी बारी
मैने किस्मत की लकीरों पर एतबार करना छोड़ दिया , इंसान बदल सकते है इस दुनियाँ में फ़िर तकदीर का क्या
दो शब्दो मेँ कहता हूँ, इस दुनिया की कहानी.. भोले को सब मूर्ख समझेँ और ..धूर्त को ज्ञानी..
जरा सा मुस्कुरा कर.. हाल पूछो... दिल बहल जाये.... हमारा काम हो जाये .... तुम्हारा नाम हो जाये...!!
तेरी महफिल में हर शक्स को हँसते देखा ! एक मैं था जिसे हँसने की इजाजत न मिली !!
उसने मुझे छोड दिया तो क्या हुआ, हमने भी तो छोडा था सारा जहाँ उसके लिए.........
वो अपने फायदे की खातिर फिर आ मिले थे हमसे ; हम नादाँ समझे कि हमारी दुआओं में असर बहुत है
[जिनकी खातिर तोड़ दी सारी सरहदें हमने..... आज उसीने कह दिया जरा हद में रहा करो....!!
दिल का हाल को दिलवाला ही जाने .. बन्दा मरा किसी गम मे था ये तो कब्र मे पड़ा मुर्दा ही जाने
कुछ ना कर सकोगे मेरा मुझसे दुश्मनी करके, मुहब्बत कर लो मुझसे गर मुझे मिटाना चाहते हो..
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